15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस पर विशेष निबंध – आज़ादी का उत्सव और इसका महत्व
15 अगस्त 2025 है, पर यह तारीख अपने अंदर एक बहुत बड़ा इतिहास संजोये हुए है।
15 अगस्त 1947, भारत के इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण दिवस है। जाने कितने साल खून की होली खेली, जाने कितने अपनों के बलिदान दिए तब जाकर यह दिन भारत को नसीब हुआ। तक़रीबन 200 वर्ष तक अंग्रेज़ों के ज़ुल्म सहने के बाद कुछ क्रांतिकारियों द्वारा जलाई गयी आज़ादी की चिंगारी का नतीजा है 15 अगस्त 1947 का दिन।
यदि आप स्वतंत्रता दिवस पर निबंध यानि Independence Day Par Essay ढूंढ रहे है तो इस लेख को पूरा ज़रूर पढ़ें, इसमें हमने अलग अलग प्रकार के निबंध लिखे है, जिन्हे आप अपनी ज़रूरत के अनुसार 100 शब्दों में भी ढाल सकते है।
आगे बढे इससे पहले हम स्वंत्रता दिवस का महत्त्व, स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को क्यों मनाया जाता है और स्वतंत्रता दिवस का अर्थ जान लेते है।
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को क्यों मनाया जाता?
स्वतंत्रता दिवस यानि Independence Day, 15 August को ही क्यों मनाया जाता है? इसपर शायद आपने कभी गौर नहीं किया होगा। आज हम आपको बताएँगे की ये 15 अगस्त को क्यों मनाया जाता है। दरअसल लॉर्ड मॉउंटबैटन १५ अगस्त के दिन को शुभ मानते थे, इसी दिन 1945 में जापानी सेना ने उनके आगे सरेंडर किया था। तो इसीलिए लॉर्ड मॉउंटबैटन ने भारत की आज़ादी का दिन 15 August 1947 घोषित किया और तबसे यह दिन हर भारतियों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।
स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) का महत्त्व / 15 August Ko kya Hota Hai?
हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। सभी सरकारी कार्यालयों को लाइटिंग कर सजाया जाता है, जिसमे लाइट का रंग भगवा, सफ़ेद और हरा होता है क्युकी यही हमारे तिरंगे का रंग है। कोई भी इंसान हो, चाहे सरकारी बाबू या प्राइवेट एम्प्लोयी, सभी अपने अपने कार्यालयों में इस दिन मौजूद रहते है ताकि झंडा-वंदन कार्यक्रम का हिस्सा बन सके और राष्ट्र गान को सब एक साथ एक आवाज़ में गाये। इस दिन स्कूली छात्र 15 August Par Nibandh लिखते है और कुछ छात्र 15 August Par Bhashan बनाकर प्रस्तुत करते है।
यह सभी कार्यक्रम सुनिश्चित करते है की हम कभी भी अपने क्रांतिकारियों को ना भूले जिन्होंने अपने खून से हमें आज़ादी दिलवाई।
आइये आगे जानते है स्वतंत्रता दिवस पर निबंध यानि Independence Day Essay In Hindi.
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध।
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आज़ादी के इस अवसर पर सबसे पहली बार भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से तिरंगा फहराया था। यह दिन इतिहास के पन्नो में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया क्युकी इसी दिन भारत के लोग गुलामी की ज़ंजीरें तोड़कर आज़ाद हुए।
आज़ादी के 70 साल बाद आज भी सभी भारतीय इस दिन को बड़े ही हर्षो-उल्लास के साथ मनाते है। हर साल पंद्रह अगस्त पर लाल क़िले से तिरंगा फहराया जाता है और देश के प्रधान मंत्री देश को सम्बोधित करते है।
सम्बोधन के माध्यम से देश को अनेकता में एकता के लिए प्रेरित किया जाता है और साथ ही जगह-जगह कई रंगा रंग कार्यक्रमो द्वारा लोगो को देशभक्ति से सराबोर किया जाता है।
स्कूल और कॉलेजो में तरह तरह के फंक्शन होते है जिनमे बच्चे क्रांतिकारियों का रूपांतरण भी करते है और देश भक्ति के गीतों पर Perform भी करते है। इससे हमारी आने वाली पीढ़ी भी 15 August का दिन नहीं भूलेगी।
इसके उपरांत, हम १५ अगस्त के दिन हमारे क्रांतिकारियों (Freedom Fighters) को याद करते है। वही क्रन्तिकारी जिन्होंने अपना सबकुछ छोड़कर भारत की आज़ादी के लिए जी-जान से जद्दोजहद की, यहाँ तक की भारत के लिए अपनी जान का बलिदान देने से भी नहीं हिचकिचाए। इस दिन सारे भारतीय अपना आपसी मत-भेद मिटा कर एकता का स्वरुप बनते है।
आओ, हम सब कंधे से कन्धा मिलाये देश को आगे लेकर चलें।
स्वतंत्रता दिवस, पंद्रह अगस्त पर निबंध।
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हर १५ अगस्त सारे भारतीय स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानते है। इस दिन सभी लोग देशभक्ति में सराबोर हो जाते है और हर जगह देश प्रेम का नज़ारा देखने मिलता है।
15 अगस्त के दिन दिल्ली के लाल किले से हमारे प्रधानमंत्री द्वारा तिरंगा फहराया जाता है और वे देश को एकता और भाईचारे के साथ रहने का सन्देश देते है।
इस दिन सभी दफ्तरों, स्कूलों और रिहाइशी जगहों पर झंडा-वंदन का कार्यक्रम होता है जिसमे सभी जाती, भाषा और संस्कृति के लोग एक साथ शामिल होते है।
अमूमन यह छुट्टी का दिन होता है पर फिर भी लोग अपने दफ्तर और स्कूलों में ज़रूर जाते है ताकि वहा आज़ादी के जश्न का हिस्सा बन सके। सब एक साथ मिलकर बड़े ही हर्षो-उल्लास के साथ १५ अगस्त का जश्न मानते है।
स्वतंत्रता दिवस से हमें एकता और भाईचारे की प्रेरणा लेनी चाहिए क्युकी इस देश की आज़ादी की लड़ाई में सभी धर्मो के लोगो ने बराबर योगदान दिया था।
आओ, आज हम प्रण लेते है की हम सब भारतवासी मिलकर रहेंगे।
Independence Day Essay In Hindi
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भगतसिंग, सुखदेव. राजगुरु, अशफाकुल्ला खान, चंद्रशेखर आज़ाद और महात्मा गांधी जैसे कई क्रांतिकारियों ने इस दिन की नीव रखी और आखिरकार हमें १५ अगस्त १९४७ को स्वतंत्रता दिवस के रूप में आज़ादी मिली।
इस दिन हम सभी भारतीय अपने क्रांतिकारियों की याद को ताज़ा करते है और उनके बलिदान की गाथा गाते है।
यह दिन बहुत ही हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के हर कोने में आज़ादी का जश्न दिखाई देता है और सभी लोग आगे आकर इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है।
15 August के दिन सभी स्कूलों में छात्र झंडा वंदन के लिए जाते है। झंडा वंदन के बाद स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया जाता है। कुछ छात्र क्रांतिकारियों के वेष में नाटक भी करते है।
सभी सरकारी भवनों में सुन्दर लाइटिंग की जाती है जसिमे भगवा, सफ़ेद और हरा रंग होता है जो की हमारे तिरंगे का प्रतिक होता है।
इस दिन सभी देशवासी अपने मत-भेद भुलाकर सभी एक साथ जश्न में सराबोर होते है और आज़ादी के रंगा-रंग कार्यक्रम में शामिल होते है।
इस दिन सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, फ़िल्मी चैनलों और सरकारी कार्यक्रमों द्वारा अनेकता में एकता का सन्देश दिया जाता है।
हमें १५ अगस्त के दिन भाईचारे के साथ रहने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
15 अगस्त पर निबंध (हिंदी में)
(Independence Day Par 10 Line in Hindi)
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हमारे देश के क्रान्तिकारियों ने बहादुरी पूर्वक लड़ाई लड़ के अंग्रेजो से हमे इस दिन आजादी दिलाई थी।अतः 1947 से यह दिन इतिहास में बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इस दिन हम अपने महान स्वतंत्र सेनानियों और शहीदों को श्रद्धान्जलि देते है।
इस दिन सभी देशवासी संकल्प भी लेते है की सब एक साथ मिलकर भाईचारे के साथ रहेंगे। सभी देशवासी आपस मे मतभेद भूलाकर स्वंतंत्रता दिवस को बड़े हर्षो-उल्लास के साथ मनाते है।
इस दिन भारत के प्रधान मंत्री दिल्ली में लाल किले पर देश का राष्ट्रध्वज फहराते है और पूरे राष्ट्र को संबोधित करते है।
देश के अन्य शहरों और गाओं में स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयो में भी तिरंगा फ़हराया जाता है।
गावो में सुबह सुबह रेलिया निकाली जाती है।
कई जगह राष्ट्रीय गान और देशभक्ति के गीत में लोग विलीन होते है।
स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे जाते है। सभी छात्र उसमे हर्षोल्लास के साथ भाग लेते है।
सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमो में ‘अनेकता में एकता’ का संदेश दिया जाता है। हमे भी इससे प्रेरित होकर भाईचारे के साथ रहना चाहिए। और देश की प्रगति के लिए, देश का नाम रोशन करने के लिए कोशिश करनी चाहिए।
आओ सभी मिलकर देश की उन्नति के लिए काम करे।
15 August से जुड़ा भाषण (Bhashan)
(Independence Day Speech)
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नमस्कार दोस्तों,
आज हम एक महत्वपूर्ण दिवस पर जमा हुए है। आज की तारीख 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस।
हमारे लिए ये सिर्फ एक तारीख है पर क्या आप जानते है स्वतंत्रता दिवस सही मायनो में क्या है?
क्रांतिकारियों के खून से सींचि खेती का अन्न है स्वतंत्रता दिवस।
लाखों करोडो लोगो के बलिदान का परिणाम है स्वतंत्रता दिवस।
ज़ुल्म के अँधेरे को चीरते हुए निकलने वाला सूरज है स्वतंत्रता दिवस।
हां तो दोस्तों, स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक पर्व या १५ अगस्त सिर्फ एक तारीख नहीं। ये हमारा इतिहास है जो हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।
हम स्वतंत्रता दिवस पर आज़ादी का जश्न मानते है, देशभक्ति के गीत सुनकर हम उसमे सराबोर हो जाते है पर हमें ये याद रखना चाहिए की देश भक्ति का दिन सिर्फ १५ अगस्त या २६ जनवरी नहीं।
ऐसा काम करो, देश की तरक्की के लिए ऐसी मेहनत्त करो की हर दिन देश के नाम समर्पित हो और देश तरक्की की और बढ़ें।
हमें आज़ादी तो मिल गई पर क्या हम सही मायनो में आज़ाद है?
आज भी करोडो के सर पर छत नहीं।
आज भी अमीर और गरीब के बिच का अंतर बढ़ता जा रहा है।
क्या इसे हम आज़ादी कहते है? क्या ये हमारे क्रांतिकारियों की मेहनत के साथ धोखा नहीं हुआ? क्या इसी दिन के लिए उन्होंने हमें आज़ादी दिलाई थी?
देश सही मायनो में आज़ाद तब होगा जब देश का बच्चा-बच्चा पढ़ा लिखा होगा, जब हर इंसान को दो वक़्त की रोटी नसीब होगी और जब हम एक दूसरे के लिए करुणा की भावना रखेंगे।
एक ऐसा देश बने जहाँ का हर गाँव हर कोना खुशहाल हो और हर नागरिक अपनी ज़िम्मेदारियों को समझता हो।
आओ, आज हम सब मिलकर शपथ लेते है की हम सब पूरी निष्ठां से देशहित में काम करेंगे, देश की तरक्की में अपना योगदान देंगे और अपने आस पास के लोगो से उनकी जाती या धर्म पूछे बिना अच्छे सम्बन्ध कायम करेंगे।
जय भारत, जय हिन्द।
15 अगस्त, आज़ादी से जुडी कविता।
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आज़ाद हम हुए नहीं।
ज़िन्दगी के सपने यहाँ बहुत है,
जीता यहाँ कोई नहीं।
एक सौ पैतीस करोड़ की आबादी,
पिछडो की यहाँ कमी नहीं।
गरीबी, बेरोज़गारी, भुखमरी और बेबसी,
सबको जीने मिलता नहीं।
कहने को हम तरक्की पर है,
सफलता यहाँ सबको नहीं।
किसको दें सदा – कहा उठाये आवाज़,
कोई यहाँ सुनता नहीं।
हटेगा अब ये घना कोहरा,
रौशनी की तरफ बढ़ेंगे हम।
बहुत हुआ घुट-घुट के जीना,
विकास के पथ चलेंगे हम।
ईमानदारी से लिया जो पहला कदम
सही मायनो में आज़ाद है हम, आत्मनिर्भर है हम।
दोस्तों, उम्मीद है आपको यह लेख पढ़ कर मज़ा आया होगा और आपको स्वतंत्रता दिवस पर अच्छी जानकारी मिली होगी। आशा करते है आप इसे अपने मित्रों से शेयर ज़रूर करेंगे।
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